सोमवार, 20 अप्रैल 2009

माकपा का घोषणापत्र

माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है कि किसी अंतरराष्ट्रीय संधि के लिए विधायिका की मंजूरी का अनिवार्य प्रावधान करने के लिए संविधान में संशोधन किया जाएगा। घोषणापत्र जारी करते हुए पार्टी महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि हम इस 123 भारत अमेरिकी समझौते की समीक्षा करेंगे अ©र नुकसानदायक प्रावधानों को हटा देंगे। करात ने कहा- हम अमेरिका के साथ सामरिक गठजोड़ को समाप्त करेंगे।
संप्रग की नव उदारवादी आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए करात ने कहा कि माकपा वार्षिक योजना व्यय को भारत के जीडीपी का दस प्रतिशत तक करेगी। निगमित कंपनियों को कर रियायतें बंद होंगी अ©र काले धन विशेषकर स्विस बैंकों में अवैध रूप से जमा धन का पता लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों ने भी स्विस बैंकों से अपने गोपनीयता कानून समाप्त करने के लिए कहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या संप्रग सरकार स्विस अधिकारियों को कर चोरी करने वालों की सूची देकर उनके खातों का ब्यौरा मांगेगी।
बैंकिंग क्षेत्र के बारे में करात ने कहा- यदि मनमोहन सिंह अ©र पी. चिदंबरम की चलती तो हमारे निजी बैंक धराशायी हो जाते। लेकिन हमारे संघर्ष ने उन्हें कई चीजें नहीं करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि वाम दल संप्रग को बीमा क्षेत्र का निजीकरण नहीं करने देंगे। यदि हम ऐसी नीतियों पर चलते तो हमारी बीमा कंपनियों की वही हालत होती जो अमेरिकी फर्म एआईजी की हुई। यदि हमने पेंशन फंड का निवेश शेयर बाजार में करने की अनुमति दी होती तो लाखों कर्मचारियों की बचत बेकार चली जाती।
घोषणापत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सार्वभौमीकरण की बात भी कही गई है। साथ ही पेट्रोल डीजल की कीमतों में कटौती, सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करने, घरेलू उद्योगों को संरक्षण अ©र रिटेल क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रोकने का भी जिक्र है।
घोषणापत्र में कहा गया कि माकपा पिछले दरवाजे से एफडीआई को रोकने के लिए दिशा-निर्देशों को पलट देगी। उत्पादक क्षमता विकसित करने अ©र नई प्रौद्योगिकी हासिल करने से जुड़े क्षेत्रों में विदेशी पूंजी की इजाजत दी जाएगी।
नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण को लेकर बड़ी समस्याअ¨ं का सामना कर रही माकपा ने वायदा किया है कि भूमि मालिकों के हितों की सुरक्षा के लिए नया कानून बनाया जाएगा। भूमि सीलिंग कानूनों को नरम बनाने के रुख को पलटने की बात करते हुए घोषणापत्र में कहा गया कि संघवाद को मजबूत करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 355 अ©र 356 में संशोधन किया जाएगा।
माकपा ने कहा कि वह सरकार बनाने की स्थिति में महिला आरक्षाण विधेयक पारित कराएगी। केन्द्रीय शैक्षिक संस्थानों में अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा अ©र इसे सभी निजी शैक्षिक संस्थानों में भी लागू किया जाएगा। पार्टी ने कहा कि वह अल्पसंख्यकों के लिए समान अवसर आयोग का गठन करेगी जिसे मुस्लिम अल्पसंख्यकों के उन्नयन के लिए योजनाएं तैयार करने अ©र भेदभाव दूर करने का जिम्मा दिया जाएगा। घोषणापत्र में महिलाअ¨ं, बच्चों, दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यकों, वरिष्ठ नागरिकों अ©र युवाअ¨ं के लिए अलग-अलग खंड हैं।
पार्टी ने कहा कि लोकपाल विधेयक को लागू करने के साथ ही आरटीआई कानून को मजबूत किया जाएगा। घोषणापत्र में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन की बात भी कही गई है। घोषणापत्र में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष अ©र भारत के प्रधान न्यायाधीश को शामिल कर चुनाव आयोग में सुधार की बात कही गई है।
आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए प्रभावशाली कदम उठाने का जिक्र इसमें है। साथ ही राजनीतिक दलों को निगमित कंपनियों से फंड दिए जाने पर प्रतिबंध लगाने की बात है। सभी वयस्कों को रोजगार मुहैया कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए घोषणापत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम का दायरा बढ़ाकर न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
माकपा ने शिक्षा पर सार्वजनिक व्यय को बढ़ाकर जीडीपी का छह प्रतिशत तक करने का वायदा किया है। साथ ही शिक्षा के अधिकार विधेयक को लागू करने की बात कही है। उच्च शिक्षा क्षेत्र में एफडीआई अ©र शिक्षकों के वेतनमान में संशोधन का भी वायदा किया गया है। माकपा ने कहा कि वह स्वास्थ्य पर व्यय बढ़ाकर इसे जीडीपी का पांच प्रतिशत करेगी। साथ ही आवश्यक दवाअ¨ं की आपूर्ति सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के जरिए सुनिश्चित की जाएगी। पर्यावरण के मुद्दे पर घोषणापत्र में वायदा किया गया है कि पर्यावरण प्रभाव आकलन प्रक्रिया को पारदर्शी अ©र जवाबदेह बनाया जाएगा। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर रोक लगाने के कदम उठाए जाएंगे अ©र नदियों का प्रदूषण रोका जाएगा।

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